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पर्यावरणीय कारक क्या है,paryavarniy Karak kya hai

पर्यावरण मृदा, तापमान, प्रकाश एवं जल जैसे कारकों या अवयवों से मिलकर बना हुआ एक जटिल तन्त्र होता है, जो कि जीवधारियों के चारों ओर उपस्थित होता है। अत: “कोई भी बाह्य पदार्थ जो जीवधारियों के चारों ओर उपस्थित है तथा किसी भी रूप में जीवधारियों के जीवन को प्रभावित करते हैं, उन्हें पर्यावरणीय कारक कहते हैं।"      चूँकि पर्यावरण बहुत-से कारकों से मिलकर बना होता है, अत: जीव अपने-आपको उस पर्यावरण के अनुरूप अनुकूलित करके जीवित रहते हैं। पर्यावरणीय कारक चार प्रकार के होते हैं- (1) जलवायवीय कारक -ये जलवायु से सम्बन्धित कारक होते हैं। उदाहरण-प्रकाश, ताप, आर्द्रता, वर्षा, वायु आदि। (2) स्थलाकृतिक या भौगोलिक कारक -इसके अन्तर्गत भौगोलिक स्थिति से सम्बन्धित कारक आते हैं। उदाहरण-तुंगता (Altitude), ढलान (Slope), पर्वत श्रृंखलाएँ। (3) मृदीय कारक -इसके अन्तर्गत मृदा (Soil) से सम्बन्धित कारक आते हैं। उदाहरण-मृदा निर्माण, मृदा परिच्छेदिका, मृदा जल, मृदा वायु, मृदा ताप, मृदा जीव आदि। (4) जैविक कारक -इसके अन्तर्गत विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु व पादप आते हैं।